जमीन-जायदाद से होने वाली इनकम

- इसमें मकान या दुकान से आने वाला किराया शामिल होता है। अगर प्रॉपर्टी में खुद रह रहे हैं, तो उससे होने वाली आमदनी निल मानी जाएगी।

- अगर इस प्रॉपर्टी को खरीदने के लिए लोन लिया गया है तो ब्याज के मद में दी जा रही रकम को टैक्सेबल इनकम में से कम किया जाएगा, लेकिन इस मद की ऊपरी सीमा डेढ़ लाख रुपये है।

- अगर घर को किराये पर दिया गया है तो पूरे साल का कुल किराया पता करें, इसमें से प्रॉपर्टी टैक्स घटा दें। इस अमाउंट का 30 फीसदी मेंटेनेंस का कम कर दें और फिर इस अमाउंट में से लोन चुकाने में दिए गए ब्याज की रकम को घटा दें। जो बचा, वह हाउस प्रॉपर्टी से मिली आमदनी मानी जाएगी।